दोस्तों संघ लोक सेवा आयोग UPSC की परीक्षा को देश का सबसे कठिन परीक्षाओ में से एक माना गया है. और इस कठिन परीक्षा में लाखों कैंडिडेट्स अपने IAS, IPS बनने की सपने को लेकर सामिल होते है किन्तु आपको बता दे कि बहुत कम कैंडिडेट्स ही अपने इस सपने को पूरा कर लेते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस महिला की कहानी बता रहे है. जिन्होंने MBBS की पढाई को बिच में ही छोड़ कर शुरु की यूपीएससी तैयारी और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर बनी आईएएस. आइये जानते है आईएएस तरुणी पाण्डेय की यूपीएससी यात्रा के बारे में ….
जानकारी के मुताबिक आईएएस तरुणी पाण्डेय मूल रूप से पश्चिम बंगाल के चितरंजन की निवासी है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज तरुणी अपनी प्रारंभिक पढाई जमताड़ा से पूरा की है. वही इनके पिता का नाम डॉ अरुण कुमार पांडे है. और इनकी माँ का नाम नीता त्रिपाठी है.
वही आपको बता दे कि तरुणी बैचलर और मास्टर्स की डिग्री इंग्लिश लिटरेचर की डिग्री इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है. साथ ही आपको बता दे कि तरुणी बचपन से ही डॉक्टर बनने की सोच रही थी. जिसके लिए उन्होंने MBBS की तैयारी भी आरम्भ की.
किन्तु स्वास्थ्य ख़राब होने के कारण दूसरे वर्ष में ही तरूणी को MBBS की पढ़ाई छोड़नी पड़ी. हालांकि सबकुछ सही होने और सरकारी कार्योलय में काम काज की शैली देखने के प्रश्चात उन्होंने MBBS को छोड़ सिविल सेवा UPSC की तैयारी करने की सोची. और तैयारी आरम्भ कर दी.
वही आपको बता दे कि तरुणी पहली बार वर्ष 2020 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की प्रीलिम्स में बैठने की तैयारी की. किन्तु एग्जाम से 4 दिन पहले वह कोविड का शिकार हो गईं. इसके प्रश्चात उन्होंने वर्ष 2021 में सिविल सेवा परीक्षा का प्रीलिम्स दी. जिसमे उनको सफलता मिली.
वही आपको बता दे कि प्रीलिम्स में सफलता हासिल करने के प्रश्चात तरुणी केवल चार महीने के सेल्फ स्टडी के बदौलत वर्ष 2021 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में सामिल हुई और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में पुरे देश में 14वीं रैंक हासिल की और आईएएस बन गई.