दोस्तों संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की एग्जाम को देश का सबसे सर्वश्रेष्ठ एक्सामो में से एक माना गया है. और इस सर्वश्रेष्ठ एग्जाम में लाखों कैंडिडेट्स आईएएस आईपीएस बनने कि सपने को लेकर सामिल होते है किन्तु बता दे कि कुछ कैंडिडेट्स ही अपने इस सपने को पूरा कर पाते है.

आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है जिन्होंने सिविल सेवा (UPSC) की तैयारी के दौरान हादसे में अपनी माँ को खोयी फिर भी उन्होंने बिना हार माने अपनी तैयारी जारी रखी और सफलता हासिल कर आईएएस बनी. आइये जानते है आईएएस अंकिता चौधरी (IAS Ankita Chaudhary) की सफलता के बारे में ….

जानकारी के अनुसार आईएएस अंकिता चौधरी मूल रूप से हरियाणा के रोहतक जिले के महम की निवासी है. वही इनके पिता का नाम सत्यवान चौधरी है. जो कि वो एक चीनी मिल में बतौर अकाउंटेंट कार्य करते हैं. बात करे हम हम इनकी पढाई लिखाई कि तो अंकिता बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज रही है.

साथ ही आपको बता दे कि अंकिता अपनी प्रारम्भिक पढाई रोहतक के इंडस पब्लिक स्कूल से की है.  रोहतक के स्कूल से 12th में सफलता हासिल करने के प्रश्चात अंकिता दिल्ली के हिंदू कॉलेज से केमिस्ट्री में स्नातक कि पढाई पूर्ण की.

वही आपको बता दे कि अंकिता अपनी स्नातक कि पढाई के दौरान ही सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का फैसला कर ली थी. और आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के प्रश्चात ही उन्होंने सिविल सेवा एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी.

साथ ही आपको बता दे कि अंकिता सिविल सेवा परीक्षा में वर्ष 2017 में पहली बार सामिल हुई किन्तु पहले ही प्रयास में उन्हें असफलता मिली. इसी बिच हादसे में उनकी माँ की मौत हो गई इस हादसे से अंकिता पर गहरा प्रभाव पड़ा.

किन्तु फिर उनके पिता ने उनका हौसला बढाया और वह फिर से सिविल सेवा की तैयारी में लग गई. और वर्ष 2018 में अपनी दूसरी प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा में पुरे देश में 14वीं रैंक प्राप्त कि और आईएएस बन गई.

Madhav, a seasoned journalist with three years of extensive experience in news writing, editing, and reporting, is currently making his mark at newsfatafat.com. His journey in journalism, characterized...