बादाम जो अपने पोषण मूल्यों और स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध हैं. उनका सेवन संतुलित मात्रा में होना चाहिए। अत्यधिक बादाम खाना आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार भी खतरनाक हो सकता है। बादाम में विटामिन ई फाइबर प्रोटीन और ओमेगा3 फैटी एसिड्स होते हैं. जो हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।

ये मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक होते हैं। अत्यधिक मात्रा में बादाम का सेवन करने से कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार बादाम में उष्ण प्रकृति होती है. जिसके कारण अत्यधिक सेवन से पित्त दोष बढ़ सकता है. जिससे पाचन संबंधी समस्याएं त्वचा पर चकत्ते और अन्य पित्त संबंधी विकार हो सकते हैं।

बादाम में उच्च कैलोरी सामग्री होती है. इसलिए इसका अधिक सेवन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। बादाम में मौजूद विटामिन ई की अधिकता से भी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि दस्त सिरदर्द और थकान हो सकती हैं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स का सुझाव है. कि बादाम का सेवन मात्रा में सीमित रखा जाए। दिन में 4-6 बादाम का सेवन पर्याप्त माना जाता है। बादाम को रात भर भिगोकर खाने से उनके पोषक तत्व बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं और इससे उनकी ‘उष्ण’ प्रकृति भी कम हो जाती है।

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