दोस्तों प्रत्येक वर्ष भारत देश के द्वारा सिविल सेवा (UPSC) की परीक्षा का आयोजन किया जाता है. और इस कठिन परीक्षा में लाखों उम्मीदवार कड़ी मेहनत के साथ तैयारी कर सिविल सेवा परीक्षा में सामिल होते है. किन्तु कुछ तेज उम्मीदवार ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है. जो कभी कबाड़ीवाला बनना चाहते थे किन्तु किस्मत ने उन्हें आईएएस बना दिया आइये जानते आईएएस दीपक रावत (IAS Deepak Rawat) की यूपीएससी यात्रा के बारे में ….
जानकारी के अनुसार आईएएस दीपक रावत मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई कि तो इन्होने अपनी पढाई लिखाई सेंट जॉर्ज कॉलेज मसूरी से पूरा किये है. इसके प्रश्चात दीपक दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन की पढाई पूर्ण किये.
वही आपको बता दे कि ग्रेजुएशन की पढाई पूर्ण करने के प्रश्चात दीपक दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमफिल किये. जिसके प्रश्चात वर्ष 2005 में जेआरएफ के लिए उनको चयनित किया गया. जिसके प्रश्चात उन्हें 8000 रुपये हर महीने मिलने लगे. जिससे उन्हें अपना खर्च चलाने में सहायत मिली.
वही बात करी हम इनकी यूपीएससी की तैयारी की तो दीपक सिविल सेवा परीक्षा में दो बार असफल हो गए थे. किन्तु उन्होंने बिना हार माने अपना प्रयास जारी रखा और वर्ष 2007 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में अपने तीसरी प्रयास में उन्होंने पुरे देश में 12वीं रैंक प्राप्त किये और आईएएस बन गए.