Overview:
: सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च होगा.
: 6 राज्यों को जोड़ेगा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेस
भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे जो कुछ ही सालों में बन कर तैयार होने वाला है. भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे यानी की दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे है इसके बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे देश के 6 राज्यों से होकर गुजरने वाला है. भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे गुजरात से शुरू होकर सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे तमिलनाडु तक जाने वाला है. सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने के बाद सूरत से चेन्नई की दुरी बहुत ही कम हो जाएगी. सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे आने वाले दो सालों में पूरा होने की संभावना है.
देश के जिन 6 राज्यों से सूरत-चेन्नई एक्सप्रेस गुजरेगा उनमें गुजरात से यह शुरू होगा, इसके बाद यह महाराष्ट्र में एंट्री करेगा, फिर कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश होते हुए तमिलनाडु में पहुंच जाएगा. देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे के सबसे बड़े शहर सूरत को भारत में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से जोड़ा जाएगा और दोनों शहरों की दुरी सिर्फ 16 घंटों में ही हो सकेगा. सूरत-चेन्नई एक्सप्रेस कुल 1,271 किलोमीटर लंबा बनने वाला है और यह 4/6 लेन का बनाया जाएगा.
अब बात करते है की सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे कौन कौन से शहर से गुजरेगी. उनमे तिरुपति, कुडप्पा, कुरनूल, कलबुर्गी, सोलापुर, अहमदनगर और नासिक जैसे प्रमुख शहरों का नाम शामिल है. सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे परियोजना दो आंशिक रूप से नियंत्रित आर्थिक गलियारों को आपस में जोड़ने वाली है. जिसमे सोलापुर से सूरत और सूरत से चेन्नई शामिल है. इतना ही नही यह एक्सप्रेसवे ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजना है. इसका ग्रीनफील्ड का हिस्सा नासिक से गुजरने वाला सूरत और अहमदनगर के बीच का खंड तथा अक्कलकोट से कुरनूल तक का खंड रहने वाला है.
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे को भारत का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे कहा जाता है. जिसकी लंबाई 1271 किलोमीटर रहने वाली है. सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे पश्चिमी घाट के रास्ते चेन्नई को सूरत से जोड़ने वाला है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी की NHAI का कहना है की इस एक्सप्रेसवे की गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. और इसकों बनाने की लागत लागत लगभग 50,000 करोड़ रुपये है. अभी इस एक्सप्रेसवे को 4 लेन के रूप में बनाया जा रहा है. आने वाले समय में एक्सप्रेसवे को 6 या 8 लेन के रूप में विकसित किया जा सकता है. यह सड़क बन जाने के बाद दोनों शहरों की बीच की दुरी 1600 किलोमीटर से घटकर 1270 किलोमीटर हो जाएगी.