तमिलनाडु के चेन्नई में दुनिया का पहला सोलर से चलने वाला रोपवे बनाया जा रहा है. इस रोपवे में सोलर सेल से उर्जा प्राप्त होगी. यह सोलर एनर्जी से चलेगी. यह चेन्नई के मरीना बीच पर बनाया जा रहा है. वर्तमान में इस प्रोजेक्ट की ड्राफ्टिंग की जा रही है. अभी इस रोपवे का काम चालू नहीं हुआ है. टेंडर की तैयरी शुरू की जा रही है.

वैसे तो रोपवे ऐसे जगह पर बनाई जाती है जहाँ रास्ता रोड बनाना कठिन होता है. जैसे यह रोपवे अक्सर पहाड़ों के बीच बनाई जाती है. लेकिन यह रोपवे समुद्र के कनारे बीच पर बनाई जा रही है. इससे लोगो को आवागमन और पर्यटन में भी काफी बढ़ावा मिलेगा. चेन्नई वाली सोलर रोपवे टूरिज्म इंडस्ट्री को भी काफी बढ़ावा देगा. साथ ही वहां से गुजरने वाले रोज यात्री को भी काफी लाभ होगा. पिछले 4-5 साल के देश में कई जगह रोपवे का निर्माण हुआ है. और कई जगह पर रोपवे बनने वाला है.

अब तो रेजिडेंशियल सिटी में भी रोपवे बनने लगे है. जैसे पिछले महीने देखा गया की उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी रोपवे चालू हुआ. यह देश का पहला रोपवे बना जो शहर में लोगो केलिए बनाया गया है. जबकि इससे पहले यह सिर्फ पहाड़ी जगह के लिए रोपवे बनाया जाता था. चेन्नई वाली वाली रोपवे समुद्र के किनारे बनाया जा रहा है. यह भी अपनेआप में एक नया अजूबा होगा. दरअसल चेन्नई वाली रोपवे वर्ष 2022 में ही प्रोपोस हुई थी. लेकिन अब इसपर अमल किया जा रहा है.

चेन्नई रोपवे जमीन से 25 फीट ऊपर चलेगी. यह रोपवे चेन्नई के अन्ना स्क्वायर, कन्नागी स्टेचू , विवेकानंद हाउस और लाइट हाउस के रूट पर चलेगी. यह पूरी तरह से सोलर एनर्जी पर आधारित होगी. इस रोपवे की कुल लम्बाई लगभग 5 किलोमीटर होगी. इससे चेन्नई के टूरिज्म इंडस्ट्री को काफी बूस्ट मिलेगी. समुद्र के किनारे-किनारे कास्टलाइन का व्यू और फिर सैलानी का दृश्य काफी अद्भुत होगा.