दोस्तों सिविल सेवा (UPSC) की परीक्षा को देश का सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओ में से एक माना गया है. और इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए हर एक वर्ष लाखों कैंडिडेट्स इस कठिन परीक्षा में सामिल होते है. किन्तु सफलता कुछ तेज कैंडिडेट्स ही हासिल कर पाते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है जिन्होंने कैंसर से पीड़ित पिता का देखभाल करते हुए महज 22 वर्ष की उम्र में ही सिविल सेवा (UPSC) जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की और आईएएस बन गई. आइये जानते है आईएएस रितिका जिंदल की सफलता के बारे में ….
जानकारी के अनुसार आईएएस रितिका जिंदल मूल रूप से पंजाब के मोगा की निवासी है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो रितिका बचपन से ही पढाई लिखाई में काफी होशियार रही है. वही इन्होने अपनी प्रारंभिक पढाई भी पंजाब से ही पूरा की है. साथ ही आपको बता दे कि रितिका अपनी 12th की एग्जाम में पूरे नॉर्थ इंडिया टॉपर रही थी.
12th के प्रश्चात रितिका ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी स्नातक की पढाई पूर्ण की. वही आपको बता दे कि रितिका ने अपनी स्नातक की पढाई के समय ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरम्भ कर दी और कॉलेज की पढाई पूरा करने के प्रश्चात उन्होंने पहली बार सिविल सेवा (UPSC) की एग्जाम में सामिल हुई.
किन्तु उनको पहले ही प्रयास में असफलता मिली. पहले प्रयास में असफलता मिलने के प्रश्चात भी रितिका बिना हार मने अपनी तैयारी जारी रखी. और पूरी मेहनत और लगन के साथ तैयारी कर दूसरी बार सिविल सेवा परीक्षा में सामिल हुई और दूसरी ही प्रयास में उन्होंने पुरे देश में 88वीं रैंक हासिल की. और आईएएस बन गई.