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: SU-57- रूस का Fifth-Gen फाइटर
: SU-57 और S-500 की जोड़ी हमला और बचाव दोनों करेगा.

भारत और रूस की दोस्ती कर्ण और अर्जुन की दोस्तों कही जाती है, जिसको मजबूत करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार साल बाद भारत दौरे पर आ रहे हैं. जिस पर पूरी दुनिया की नजर रहने वाली है. अगर रूस के Sukhoi Su-57 और S-500 Prometheus भारत को मिल जाती है तो भारत एशिया में और भी शक्तिशाली हो जाएगा. इसकी खासियत यह है की ये सिर्फ लड़ाकू विमान और मिसाइल-डिफेंस सिस्टम नहीं होंगे. Sukhoi Su-57 और S-500 Prometheus वो चीज है जो हवा, जमीन, मिसाइल और स्पेस. हर डोमेन में दुश्मन को धुल चटा सकता है.

रूस का SU-57 कोई नॉर्मल फाइटर जेट नही है बल्कि ये रूस का 5-थ जेनरेशन स्टेल्थ मल्टी-रोल फाइटर है. यह जेट रूस की तरफ से भारत को ऑफर किया गया है. चलिए जानते है पूरी माजरा. डिफेंस पोर्टल Army Recognition की माने तो रूस ने भारत को SU-57-E की सप्लाई, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लाइसेंस-निर्माण का प्रस्ताव दिया है. इसका मतलब है की शुरू में रूस से विमान आएगा उसके बाद में भारत की फैक्ट्री HAL Nashik में ही इसको बनाया जाएगा. इतना ही नही दोस्तों रूस का 5-थ जेनरेशन स्टेल्थ मल्टी-रोल फाइटर में ट्विन सैटर्न AL-41F1 इंजन्स लगा हुआ हैं. और इसका रेंज, स्पीड और ताकत रूस में जोड़ा गया है कि एक बार एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, मल्टी मिशन फाइटर के रूप में सक्षम है उअर ये भारत की हवा की ताकत को पूरी तरह बदल देगा.

इस पांचवीं पीढ़ी के विमान की खासियत की बात करे तो इसमें स्टेल्थ डिजाइन, इंटरनल वेपन बे, आधुनिक रडार और एवियोनिक्स के साथ विकसित किया गया है. मतलब की जब दुश्मन सोचेगा की अब हमला करना है, SU-57 तब तक अटैक कर चुका होगा. SU-57 फाइटर जेट हवा-जमीन और हर मुमकिन जगह से किसी भी मौसम में हमला करने में सक्षम है.

दोस्तों SU-57 की कुछ कमियां भी है, ध्यान देंने वाली बात यह है की SU-57 अभी रूस में कम संख्या में है. उसकी स्टेल्थ क्षमता, रडार-क्रॉस-सेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर दक्षता जैसे चीजों पर सवाल उठे हैं. SU-57 की स्पेशलिटी स्टेल्थ है, जानकारों का मानना है की यह पूरी तरह “गोल्ड स्टैण्डर्ड” नहीं माना जाता; इसके रडार-क्रॉस-सेक्शन, रडार दक्षता, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर आदि पर भी सवाल हैं. ध्यान देंने वाली बात यह है की अगर दुश्मन मिसाइल, हाइपरसोनिक वारहेड, स्पेस-डोमेन से हमला करे, वहां SU-57 से काम नही चल पाएगा. इसी लिए रूस ने भारत को S-500 का प्रस्ताव दिया है. S-500 की खासियत यह है की इसको हाइपरसोनिक मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, स्टेल्थ विमान, तेजी से उड़ने वाले लक्ष्यों इंटरसेप्ट करने के लिए बनाया गया है.

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