Overview:

: जल्द ही पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा और बक्सर स्टेशन नये लुक में दिखेगा.
: पटना से डीडीयू रूट पर ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी.

बिहार में रेलवे तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने में लगा हुआ है. रेलवे बिहार के 4 रेलवे स्टेशनों को विकसित करने वाला है. इसके अलावा पटना से डीडीयू रूट पर अब ट्रेनों की रफ़्तार भी बढ़ने वाली है. बता दे की इंडियन रेलवे पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा और बक्सर रेलवे स्टेशन जल्द ही नये लुक में तैयार करने वाला है. रेलवे इसके लिए तेजी से काम कर रहा है. साथ ही दानापुर, समेत चारों स्टेशनों के प्लेटफॉर्म को और बढ़िया से बनाया जाएगा.

एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा और बक्सर स्टेशन पर लगभग 900 करोड़ की मंजूरी दी है. इतना ही नही अब इन चार स्टेशनों पर गंदगी बिलकुल भी दिखाई नही देगी. अब पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा और बक्सर स्टेशन को गिट्टी रहित किया जायेगा. और पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से पटना होकर बख्तियारपुर तक के 255 किलोमीटर लंबे हमेशा व्यस्त रहने वाला रेलखंड पर ट्रेनों के समय पालन क्षमता सुधारने को लेकर भी काम किया जाएगा.

आपको बता दे की इस रेलखंड पर अब ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली को लगाने का काम किया जाएगा. इसी को धयान में रखते हुए आरा जंक्शन के लिए 292 करोड़ रुपये की लागत वाला टेंडर भी मंजूरी मिल गई है. आने वाले कुछ महीनों में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा. ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली अप और डाउन दोनों मुख्य लाइनों पर लागू किया जाएगा.

क्या होता है एब्सोल्यूट ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली

रेलवे स्टेशनों पर पहले दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म को कंक्रीट ढलाई के साथ निर्माण किया जाता था. लेकिन मौजूदा समय में रेलखंड पर एब्सोल्यूट ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली लागू है. इसका मतलब है की एक ट्रेन को तभी आगे बढ़ने की मंजूरी मिलती है, जब दूसरी ट्रेन अगले स्टेशन को पूरी तरह पार कर जाती है. अक्सर आप देखते होंगे की ट्रेन बीच में ही रुक जाती है वो इसी कारण ट्रेनों को बीच-बीच में रुकना पड़ता है जिससे ट्रेन लेट हो जाती है.

ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग के स्थापित हो जाने के बाद हर 500 मीटर से 1 किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल को लगाया जाएगा. इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा की जब भी कोई ट्रेन स्टेशन यार्ड को पार करेगी, उसी ब्लॉक सेक्शन में दूसरी ट्रेन को भी चलाया जा सकेगा. 

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