Overview:
: इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा.
: पहले फेज में 450 तो दुसरे में 300 किमी सड़क बनेगा.
उत्तर प्रदेश जिसे एक्सप्रेसवे का राज्य भी कहा जाता है क्यूंकि भारत में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे इसी राज्य में है. अब पूर्वी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच कम समय में सफर हो सके इसके लिए गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. इस सड़क को बनाने का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कर रहा है. इसके साथ ही गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट अंतिम चरण में है. गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे को बनाने का काम अगले साल 2026 से शुरू हो सकती है. जोकि इसकी कुल लंबाई लगभग 650 किलोमीटर रहने वाली है.
इसी के कारण यह एक्सप्रेसवे यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे के रूप में उभर के आएगा. दो राज्यों के बीच बनने वाला गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे एक एक्सेस कंट्रोल्ड 4 से 6 लेन का हाई-स्पीड कॉरिडोर रहने वाला है. जिसको आने वाले समय में 8 लेन तक बढ़ाया जा सके. इस एक्सप्रेसवे को लगभग 15,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. 650 किलोमीटर लंबाई वाला यह एक्सप्रेसवे पू्र्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिमी यूपी से गुजरते हुए हरियाणा के पानीपत तक जाने वाला है. इससे यह एक्सप्रेसवे यूपी के 22 जिलों को आपस में जोड़ेगा.
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे जिन जिलों से होकर गुजरेगा उनमे बलरामपुर, श्रावस्ती, सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ और शामली जैसे कई जिले का नाम शामिल है. इतना ही नही यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल, रूहेलखंड और पश्चिमी यूपी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को एक दुसर से जुड़ेगा. आपके जानकारी के लिए बता दे की पहले गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे शामली तक ही बनना था, जिसे अब पानीपत तक बनाया जाएगा. यह सड़क पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सीधा जोड़ेगा. मौजूदा समय में पूर्वी उत्तर प्रदेश से हरियाणा या पश्चिमी यूपी जाने में 12 से 15 घंटे का समय लगता हैं. लेकिन नए एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने से यह यात्रा सिर्फ 6 से 7 घंटो में ही हो सकेगा.
गोरखपुर-पानीपत कॉरिडोर हरियाणा के औद्योगिक हब को पूर्वी यूपी के कृषि और ‘एक जिला एक उत्पाद’ के एक और जिला को कपड़ा उद्योगों से जोड़ेगा. इससे सामान ढोने में तेजी आएगी. जिससे आसपास के पूरे क्षेत्र में आर्थिक व औद्योगिक विकास देखने को मिलेगा. इतना ही नही इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा क्यूंकि नेपाल सीमा से सटे जिलों से हरिद्वार तक की धार्मिक यात्रा सिर्फ 6 घंटो में ही हो सकेगा.