Overview:
: मेरठ से हरिद्वार तक 150 किलोमीटर हाइवे
: 4 महीने में शुरू होगा काम
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे की लंबाई और बढ़ने वाली है. यूपी में बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे को अब सीधे हरिद्वार से कनेक्ट किया जाएगा, मतलब इस एक्सप्रेसवे को अब हरिद्वार तक बनाया जाएगा. गंगा एक्सप्रेसवे को हरिद्वार से जोड़ने के लिए 6 लेन का 110 किलोमीटर लंबा हाईवे और बनने वाला है. हरिद्वार तक एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर सर्वे भी कर लिया गया है. कहा जा रहा है की हाईवे के बनने से रास्ते में आने वाले कई गांवों की जमीनों की कीमतें बढ़ेगी. गंगा एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच सफर बहुत ही आरामदायक हो जाएगा.
इसके अलावा दोनों राज्यों के बीच एक्सप्रेसवे के बन जाने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. इतना ही नही यूपी सरकार गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों साइड औद्योगिक शहर को भी बसाने का काम करेगी. इससे फायदा यह होगा की उद्योगों के लिए आसानी से जमीनें मिल जाएगी और कच्चा माल मंगाने और तैयार प्रोडक्ट को भेजने के लिए सीधी सड़क मिल जाएगी. प्रयागराज से सीधे हरिद्वार तक जाने वाले एक्सप्रेसवे के किनारे रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज और शॉपिंग सिटी को बसाने का काम किया जाएगा.
बता दे की गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से प्रयागराज तक ही निर्माण होना था, जिसकी लंबाई 594 किलोमीटर थी, अब यह सड़क हरिद्वार तक बनेगा इसलिए एक्सप्रेसवे के दुसरे चरण का काम शुरू होगा. और इसकी लंबाई 110 किलोमीटर से लेकर 150 किलोमीटर तक रहेगी. यूपी में बन रहें इस सड़क को मेरठ से मुजफ्फरनगर होते हुए रुड़की के रास्ते हरिद्वार पहुंचाया जाएगा. इससे लोग हाईवे से सीधे चारधाम से तक पहुंच जाएंगे. इस रूट पर भी जो गांवों पड़ेगी उसकी जमीन की कीमते बढ़ेगी. जानकारी के लिए बता दे की गंगा एक्सप्रेसवे का काम लगभग 93 फीसदी तक हो गया है. और इसको बनाने वाली कंपनी का कहना है की इसका उद्घाटन 15 दिसंबर तक हो सकता है.
गंगा एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम हो जाने के बाद अब इसके दूसरे चरण का काम मतलब मेरठ से हरिद्वार तक हाईवे बनाने की तैयारी हो रही है. यह एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा जिनमे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव जैसे जिले शामिल है. और इसको बनाने में लगभग ₹36,000 करोड़ रूपये खर्च हो रहा है. ध्यान देंने वाली बात यह है की इस सड़क को हरिद्वार तक जोड़ने में और खर्च बढ़ जाएगा.