Overview:
: यह मिशन 2035 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा.
: जिसको 1.3 से 1.7 लाख करोड़ से बनाया जाएगा.
इस बदलते जमाने में हर देश अपनी सीमाओ की सुरक्षा के लिए हजारों-लाखों करोड़ रुपये का इन्वेस्ट कर रहा है. क्यूंकि बदलते दुनिया में कब कहां क्या हो जाए इसके बारे में कोई नही जानता. ये बात भी कोई नही जानता था की भारत आधी रात के बाद ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान में तबाही मचाएगा. इससे एक बात और पता चलता है की भारत का एयर डिफेंस सिस्टम कितना स्ट्रॉन्ग है. भारत के दो साइड मतलब की भारत की सीएम एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन से लगती है. और दोनों देशों के साथ भारत के कैसे रिश्ते है ये पूरी दुनिया जानती है. ऐसा में भारत अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया. आपको बता दे इन्ही दोनों देशों के चलते इंडियन एयरफोर्स ने रक्षा मंत्रालय के सामने रूस से S-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम के 5 अतिरिक्त स्क्वाड्रन खरीदने का प्रस्ताव रखा था. जोकि इसकों लेकर बढ़िया से विचार किया जा रहा है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत आने वाले है, इसी मुलाकात में हजारों करोड़ की इस डील पर मुहर लगने की उम्मीद है. इसके अलावा भारत स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ पर भी तेजी से काम कर रहा है. और इसकी तैयारी अंतिम चरण में है. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पैन-इंडिया एयर डिफेंस सिस्टम प्रोजेक्ट मिशन सुदर्शन चक्र को लॉन्च किया था. यह सिस्टम का स्वरूप कैसा होगा, इसको लेकर कुछ हद तक तस्वीरें साफ़ हो गई है. इसके बन जाने ले बाद आयरन डोम और THAAD जैसे डिफेंस सिस्टम भी भारत के सुदर्शन चक्र के सामने फेल हो जाएगा.
भारत के सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट को लेकर जो जानकारी अभी तक सामने आई है उसके अनुसार जमीन से लेकर आसमान और समंदर तक एक अभेद्य सुरक्षा कवच बन जाएगा. जिसको कोई भी नही भेद पाएगा. रक्षा जानकारों की माने तो देशी सुदर्शन चक्र हजारों किलोमीटर दूर तक के एरियल थ्रेट का आसानी से पता लगा लेगा, उसके बाद उसे न्यूट्रलाइज यानी तबाह करना भी कर देगा. ऐसे ही भारत का हवाई क्षेत्र किसी भी खतरे से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहेगा. अगर भविष्य में चीन और पाकिस्तान से कुछ किया गया तो इससे निपटने में आसानी होगी.
भारत के मिशन सुदर्शन चक्र को आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के तहत तैयार किया जा रहा है. जो जमीन, आकाश और अंतरिक्ष तीनों जगहों से दुश्मनों से बचा सके. जिसका दायरा पूरे भारतीय उपमहाद्वीप जितना बड़ा होगा. और इसकों पूरा करने में 130000 से ₹170000 करोड़ का खर्च होने की संभावना है.