दोस्तों संघ लोक सेवा आयोग के अन्तर्गत होने वाली सिविल सेवा एग्जाम को देश का सबसे कठिन एग्जाम में से एक माना जाता है. इस एग्जाम में स्टूडेंट हर वर्ष लाखो की शंख्या में भाग लेते है. किन्तु बहुत कम स्टूडेंट ही इस कठिन एग्जाम में सफल हो पाते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बतायेंगे. जिन्होंने अपने पिता के कहने पर डॉक्टरी छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी की और सफलता हासिल की आइये जानते है इनकी यूपीएससी की यात्रा के बारे में …
आईएएस मुद्रा गैरोल जो की उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की निवासी है. फ़िलहाल इनका परिवार अभी दिल्ली में रहता है. मुद्रा गैरोल के पिता का नाम अरुण गैरोला है. अरुण भी आईएएस बनना चाहते थे किन्तु इंटरव्यू में सफल नहीं होने कारण उनका यह सपना अधुरा रह गया था.
वही बात करे हम आईएएस मुद्रा गैरोल की पढाई लिखाई की तो मुद्रा गैरोल बचपन से ही पढाई लिखाई में काफी तेज रही है. मिली जानकारी के अनुसार इन्होने अपनी 10th की परीक्षा में 96 प्रतिसत और 12th की परीक्षा में 97 प्रतिसत अंक प्राप्त की थी.
12th पास करने के प्रश्चात आईएएस मुद्रा गैरोल मुंबई की एक मेडिकल कॉलेज में अपना नामाकन करवाई और फिर अपने मेहनत के दम पे कॉलेज में गोल्ड मेडल प्राप्त की. साथ ही अस्नातक की पढाई पूरी होने के प्रश्चात दिल्ली में एमडीएस में अपना नामाकन करवाई किन्तु उनके पिता चाहते थे की ईशा आईएएस अफसर बने.
पिता के सपने को पूर्ण करने के लिए आईएएस मुद्रा ने डॉक्टरी की पढाई छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी. बता दे की वर्ष 2018 में मुद्रा प्रथम बार सिविल सेवा एग्जाम में सम्लित हुई जिसमे मुद्रा इंटरव्यू राउंड तक ही गई
फिर भी बिना हर माने उन्होंने वर्ष 2019 में फिर से सिविल सेवा में इंटरव्यू दी किन्तु फाइनल में नही चुना गया. जिसके प्रश्चात वर्ष 2020 में फिर से सिविल सेवा की एग्जाम दी किन्तु इस बार भी मेंस में अटक गई थी. जिसके प्रश्चात वर्ष 2021 में मुद्रा फिर से यूपीएससी एग्जाम में सामिल हुई और 165वीं रैंक के साथ अपने पिता के सपना को पूरा कर ली.