दोस्तों सिविल सेवा (UPSC) की परीक्षा का आयोजन हर एक वर्ष भारत देश के द्वारा किया जाता है. और इस कठिन परीक्षा में हर वर्ष लाखों उम्मीदवार सामिल होते है किन्तु सफलता कुछ तेज तरार उम्मीदवार ही हासिल कर पाते है. वही कुछ ऐसे भी कैंडिडेट्स होते है जो नौकरी के साथ साथ भी तैयारी करते है और सफलता हासिल कर आईएएस आईपीएस बनते है.
ऐसे ही बेहद प्रेरणादायक कहानी है. आईएएस यशिनी नागराजन की. जिन्होंने नौकरी के साथ साथ शुरू की सिविल सेवा UPSC की तैयारी और चौथे प्रयास में सफलता हासिल कर बनी आईएएस आइये जानते है इनकी यूपीएससी यात्रा के बारे में ….
जानकारी के अनुसार आईएएस यशिनी नागराजन मूल रूप से अरूणाचल प्रदेश की निवासी है. इनके पिता का नाम थंगावेल नागराजन है जो कि वो भी एक रिटायर्ड राज्य पीडब्ल्यूडी इंजीनियर है. और इनकी माँ गुवाहाटी उच्च न्यायालय रजिस्ट्री में ईटानगर शाखा से रिटायर हो चुकी हैं.
वही बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज यशिनी अपनी सुरुआती पढाई केन्द्रीय विद्यालय नाहरलगुन (आंध्र प्रदेश) से पूरा की है. साथ ही आपको बता दे कि यशनी ने साल 2014 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग युपिया से ईईई में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की.
बी.टेक की डिग्री हासिल करने के प्रश्चात यशनी रिज़र्व बैंक में बतौर ग्रेड बी ऑफिसर के तौर पर काम करने लगी थी. वही आपको बता दे कि यशनी पुरे टाइम जॉब के साथ साथ सिविल सेवा की तैयारी करने की ठानी और कड़ी मेहनत के साथ सिविल सेवा UPSC की तैयारी सुरु कर दी.
साथ ही आपको बता दे कि यशनी सिविल सेवा परीक्षा में अपनी तीन प्रयासों में असफल हो गई थी. फिर उन्होंने बिना हार माने वर्ष 2019 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में चौथी बार सामिल हुई. और अपने चौथे प्रयास में उन्होंने पुरे देश में 57वीं रैंक हासिल की. और आईएएस बन गई.