UPI payment: भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सरकार ने UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) पेमेंट के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव का निर्णय लिया है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन फ्रॉड को रोकना और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने की पहल
डिजिटल युग में ऑनलाइन फ्रॉड एक बड़ी समस्या बन गई है, और सरकार इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठा रही है। इसके तहत, UPI पेमेंट सिस्टम में बदलाव किए जा रहे हैं जिससे कुछ उपयोगकर्ताओं को फायदा हो सकता है, लेकिन कुछ को इससे असुविधा भी हो सकती है।
बेंगलुरु की ओर्क्सा एनर्जीज का नया कदम
बेंगलुरु स्थित कंपनी ओर्क्सा एनर्जीज ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल, ओर्क्सा मेंटिस, को बाजार में उतारा है, जिसकी शुरुआती कीमत 3.60 लाख रुपये रखी गई है।
नए प्रस्ताव और उनके प्रभाव
सरकार के पास आए नए प्रस्तावों में से एक में UPI लेन-देन की सीमा को सीमित करने का सुझाव दिया गया है। इसके तहत, अगर कोई उपयोगकर्ता 2000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट पहली बार कर रहा है, तो उसे 4 घंटे की देरी हो सकती है। इससे फ्रॉड के खतरे को कम किया जा सकता है।
संभावित समस्याएं और उपभोक्ता की प्रतिक्रिया
हालांकि, 4 घंटे की देरी से उपयोगकर्ताओं के लिए नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 2000 रुपये या उससे अधिक की ग्रॉसरी या अन्य सामान खरीदता है, तो उसे 4 घंटे की देरी के कारण तुरंत सामान प्राप्त नहीं हो पाएगा।
मौजूदा समय की स्थिति
वर्तमान में, पहली बार किसी को 5000 रुपये से ज्यादा का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। 5000 रुपये के पेमेंट के बाद, अगले 24 घंटे में अधिकतम 50000 रुपये तक का पेमेंट किया जा सकता है। आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में कुल पेमेंट में 13,530 फ्रॉड पेमेंट शामिल थे, जिनकी कुल कीमत 30,252 करोड़ रुपये थी।
इन बदलावों का उद्देश्य सुरक्षा और विश्वसनीयता में वृद्धि करना है, लेकिन इससे उपयोगकर्ता की सुविधा पर प्रभाव पड़ सकता है। यह बदलाव डिजिटल भुगतान प्रणाली को और भी मजबूत बनाएगा और भविष्य में ऑनलाइन फ्रॉड को कम करने की दिशा में एक कदम होगा।