Overview:

: कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे को 2028 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है

उत्तर प्रदेश से कोलकाता का सफर अब 16 घंटे की जगह सिर्फ 6 घंटे में होने वाला है, और ये होगा कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे से. उत्तर प्रदेश के चंदौली से कोलकाता को एक दुसरे से जोड़ने वाली कोलकाता–चंदौली एक्सप्रेसवे जिससे सफर करना बहुत आसान हो जाएगा. कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे के बन जाने से उत्तर से कोलकाता जाने में 16 घंटे की जगह सिर्फ 6 घंटे ही लगेगा. और यह एक्सप्रेसवे  चार राज्यों-यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा. जिसको 2028 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है. और उसी साल शुरू होने की भी उम्मीद है.

686 किमी लंबा कॉरिडोर

NHAI की माने तो कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे लगभग 686 किलोमीटर लंबा बनने वाला है और इसकों बनाने में करीब 24,275 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा. यह यह एक्सप्रेसवे जिन जिलों से गुजरेगा उनमे भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, बोकारो, रांची और पुरुलिया जैसे प्रमुख शहरों को शामिल किया है उसके बाद यह सड़क कोलकाता तक पहुंचेगा. इसको लेकर कहा जा रहा है की  ट्रैफिक जाम के कम हो जाने से हर राज्य के भीतर भी ट्रैफिक की समस्या कम हो जाएगी. इतना ही नही इससे बड़े शहरों के बीच सीधी सड़क भी मिल जाएगी.

कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे को लेकर कहा जा रहा है की रांची-वाराणसी सेक्शन के 413 किलोमीटर हिस्से पर निर्माण कार्य कई चरणों में हो रहा है. कई जगहों पर वन अनुमति में देरी होने के कारण काम फिलहाल रुका हुआ है. लेकिन खुशी की बात यह है की चंदौली जिले में अधिग्रहीत भूमि पूरी तरह खाली हो गया है और यहां काम तेजी से चल रहा है. कहा जा रहा है की अभी जैसे काम चल रहा है उस हिसाब से कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे को बनाने में 3 साल का समय लग जाएगा.

कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे को लेकर कहा जा रहा है की ये सिर्फ उत्तर प्रदेश और कोलकाता को ही नही जोड़ेगा बल्कि इससे कोलकाता को दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से भी सीधी सड़क मिल जाएगा. जो अभी नही है. कोलकाता-चंदौली एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बनने से पहले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से लिंक कार दिया जाएगा मतलब की जुड़ जाएगा. इसके अलावा यह चंबल एक्सप्रेसवे के जरिए राजस्थान से भी आसानी से जुड़ जाएगा. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो 686 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे देश की हाई-स्पीड सड़क परियोजनाओं से जुड़ जाएगा. जिससे आने वाले सालों में यह पूर्वी भारत के लिए नया रास्ता बनेगा.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.