Overview:
: इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मुंबई का सफर 12 घंटे में हो सकेगा.
: यह एक्सप्रेसवे छह राज्यों को एक दुसरे से कनेक्ट करेगा.
भारत का पहला सुपर एक्सप्रेसवे जल्द ही बनकर तैयार होने वाला है. यह सुपर एक्सप्रेसवे भारत के 6 राज्यों को आपस में जोड़ेगा और इसका उद्घाटन एक महीने में हो जाएगा. इतना ही नही इसके शुरू होने से लोग लोगों को ट्रेन से सफर करने की जरूरत ही नही पड़ेगी. मतलब एक्सप्रेस से जाना दूसरा बिकल्प हो जाएगा. जी हां हम बात कर रहें है दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की जो अगले महीने शुरू होने जा रहा है. सड़क परिवहन मंत्रालय का कहना है की इस एक्सप्रेसवे को दिसंबर तक आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. ध्यान देंने वाली बात यह है की इस एक्सप्रेसवे के महाराष्ट्र और गुजरात बॉर्डर में दो सेक्शन का निर्माण कार्य अभी चल रहा है.
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को नेशनल अथारिटी ऑफ इंडिया यानी की एनएचएआई बना रहा है. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 1386 किलोमीटर रहने वाली है. और इसको कुल नौ चरणों में बनाया जा रहा है जिसका 80 फीसदी से अधिक निर्माण कार्य हो चुका है. सड़क परिवहन मंत्रालय की माने तो दो चरणों को छोड़कर इस साल अंत तक दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे आम जनता के लिए चालू हो जाएगा. इसके शुरू होने से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों के लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा. इतना ही नही इसके सात में दो फेज पहले ही आम लोगों के लिए शुरु है.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के कई फेज इस साल तक बनकर तैयार हो जाएंगे, जिनमे मुख्य रूप से सुुपर से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट 95 किमी., सूरत से विरार, मुंबई 291 किमी., भरूच से सूरत 38 किमी., मध्य प्रदेश बॉर्डर से गुजरात 148 किमी., सवाई माधोपुर से झालावार 159 किलोमीटर शामिल है. जिसको इस साल यानी की दिसंबर तक बना दिया जाएगा. फिलहाल दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के दो फेज पर ट्रैफिक चल रहा है. जिनमें दिल्ली से दौसा सवाई माधोपुर 293 किलोमीटर और झलावर-रत्लाम-एमपी/ गुजरात बॉर्डर 245 किलोमीटर शामिल है ये एक्सप्रेसवे अभी खुले हुए है.
बता दे की दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की शुरूआत हरियाणा के सोहना से हो रही है. और उसके बाद यह राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात होकर महाराष्ट्र तक जाने वाली है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, जयपुर, अजमेर जैसे कई बड़े शहरे आपस में जुड़ जाएंगे. यह भारत का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे रहने वाला है. और यह 1350 किलोमीटर लंबा आठ-लेन का एक्सप्रेसवे के रूप में बन रहा है.