दोस्तों सिविल सेवा (UPSC) की यात्रा हर कैंडिडेट्स के लिए अलग होता है. कोई कैंडिडेट्स इस परीक्षा में अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल करता लेता है. तो कई कैंडिडेट्स को इस परीक्षा को पास करने में लंबा समय का इंतजार करना पड़ता हैं. ऐसी ही बेहद प्रेरणादायक कहानी आईएएस हरप्रीत सिंह की है.
जानकारी के अनुसार आईएएस हरप्रीत सिंह मूल रूप से लुधियाना के रहने वाले है. हरप्रीत के पिता एक बिजनेस मैन है. और इनकी माँ शिक्षक है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो हरप्रीत बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज रहे है. वही इन्होने अपनी शुरुआती पढाई ग्रीन ग्रोव पब्लिक स्कूल से पूरा किए है.
इसके बाद हरप्रीत ने इलेक्ट्रॉनिक्स से BE की डिग्री प्राप्त किये. साथ ही आपको बता दे कि हरप्रीत अपनी स्नातक की पढाई पूरा करने के प्रश्चात ही अपने फ्रेंड के साथ सिविल सेवा की तैयारी के लिए चंडीगढ़ चले गए. वहां जाकर हरप्रीत सिविल सेवा की तैयारी के लिए एक कोचिंग में एडमिशन लिए.
साथ ही आपको बता दे कि हरप्रीत जब सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे इसी अन्तराल में एक प्राइवेट कंपनी ने उन्हें अच्छी नौकरी का ऑफर दिया और हरप्रीत नौकरी करने लगे. अब हरप्रीत जॉब के साथ साथ सिविल सेवा की तैयारी भी कर रहे थे. जिसके बाद वर्ष 2013 में हरप्रीत पहली बार सिविल सेवा परीक्षा में सामिल हुए.
वही आपको बता दे कि हरप्रीत अपने पहले प्रयास में तो सिविल सेवा परीक्षा की मेंस परीक्षा भी पास नहीं कर पाए. किन्तु उन्होंने बिना हिम्मत हारे लगातार मेहनत करते रहे. पहले प्रयास में सफलता न मिलने के बाद हरप्रीत दूसरा प्रयास किये. दूसरा प्रयास में भी हरप्रीत इंटरव्यू राउंड तक ही पहुचें.
इसके बाद उन्होंने तीसरा प्रयास किये. जिसमें वे इंटरव्यू राउंड तक ही पहुचे. लगातार तीन बार असफलता मिलने के प्रश्चात भी हरप्रीत बिना हिम्मत हारे अपना प्रयास जारी रखे. इसी अन्तराल में हरप्रीत सीएपीएफ का परीक्षा दिए. और उनको बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट की जॉब मिल गई.
नौकरी मिलने के बाद भी हरप्रीत अपना आगे की तैयारी जारी रखें. और चौथी बार सिविल सेवा परीक्षा में सामिल हुए चौथी प्रयास में उन्हें सफलता मिली. किन्तु रैंक सही नहीं आने के कारण उन्हें ट्रेड सर्विस मिली. और उन्होंने इस नौकरी को भी ज्वाइन कर लिए. इस नौकरी के बाद भी उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी को नहीं छोड़े और नौकरी के साथ साथ तैयारी कर अपने पांचवा प्रयास में पुरे देश में 19वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा कर लिए.