दोस्तों संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा को देश का सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओ में से एक माना गया है. और इस कठिन परीक्षाओ में लाखों की शंख्या में कैंडिडेट्स सामिल होते है. किन्तु सफलता कुछ कैंडिडेट्स ही हासिल कर पाते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईपीएस की कहानी बता रहे है जो की डॉक्टर होने के बाद भी सिविल सेवा परीक्षा में बिना कोचिंग किये ही पहले प्रयास में सफलता हासिल कर आईपीएस बनी. आइये जानते है आईपीएस अमृता दुहान की सफलता के बारे में ….
जानकारी के अनुसार आईएएस अमृता दुहान मूल रूप से हरियाणा के रोहतक जिले की निवासी है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो अमृता ने एमबीबीएस के बाद पैथोलॉजी में एमडी की पढाई पूर्ण की थी. इसके प्रश्चात उन्होंने बीपीएस मेडिकल कॉलेज फॉर वूमेन में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम करना आरम्भ ही की थी. तभी उनकी विवाह हो गया और उनकी एक बेटा भी है.
अमृता के आईपीएस बनने के पीछे भी एक कारण है. दरअसल जब उनके छोटे भाई को आईपीएस के लिए चयनित किया गया था. तभी से वह सिविल सेवा की एग्जाम में बैठने के लिए प्रेरित हुई थी. और जिसमे वह सफल भी हुई.
यूपीएससी का एग्जाम देने के लिए अमृता ने अच्छे से योजना तैयार की थी. बता दे कि सिविल सेवा की तैयारी के लिए उन्होंने वीकेंड को अपने बेटे के लिए रिजर्व रखा था. और सप्ताह के बाकी दिनों में वह एग्जाम की तैयारी करती थी. साथ ही आपको बता दे कि अमृता ने वर्ष 2016 में बिना कोई कोचिंग किये ही अपने पहले प्रयत्न में यूपीएससी की एग्जाम में सफलता हासिल की और आईपीएस बनी.