Overview:
: भारत का यात्री विमान Superjet SJ-100 होगा.
: अभी तक 200 से ज्यादा SJ-100 बनाया जा चूका है.
एक तरफ भारत पांचवी पीढ़ी का विमान खुद ही बना रहा तो दूसरी तरफ अब भारत खुद ही यात्री विमान को भी बनाने वाला है. भारत इसके लिए अपने परम मित्र रूस का साथ लेंने वाला है. भारत में यात्री विमान बनाने के लिए दोनों देशो के बीच Sukhoi Superjet SJ-100 को लेकर समझोता किया गया है. और ये प्लेन Make in India रहने वाली है. ये डील भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने की है और दोनों ने इसके लिए MoU पर हस्ताक्षर किए हैं.
दोनों देशों के बीच इस समझौते का मतलब है की HAL भारत में रूसी डिजाइन वाले पैसेंजर जेट सुखोई सुपरजेट 100 को बनाएगी. और यह भारत के लिए बहुत ही बड़ा कदम रहने वाला है. आपको बता दे की SJ-100 एक ट्विन-इंजन रीजनल जेट है, जो कम दुरी के हवाई सेवा के लिए बहुत ही बढ़िया मानी जाती है. यह पहले से ही दुनिया की एक दर्जन से अधिक एयरलाइनों में अपनी सेवा दे रही है और अभी तक SJ-100 के 200 से अधिक यूनिट बनाए जा चुके हैं.

भारत में यात्री विमान बनने को लेकर जानकारों का कहना है की इससे बोइंग और एयरबस जैसे अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों के दबदबे वाले बाज़ार में प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है. भारत में इस विमान को कम जुड़ाव वाले क्षेत्रों के लिए बहुत ही फायदा होगा. जानकारों की माने तो यह डील HAL–UAC साझेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया को ध्यान में रख कर किया गया है. इससे भारत में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. कहा जा रहा है की भारत को अगले एक दशक में 200 से ज्यादा रीजनल जेट विमानों की जरूरत होगी.
सुपरजेट SJ-100 पहली बार साल 2011 में सर्विस में आया था. ये यात्री विमान मौजूदा समय में रूस और उसके सहयोगी देशों में अपनी सेवा दे रही है. भारत में यह विमान UDAN Scheme के तहत छोटे शहरों को जोड़ने में मदद करेगा. द हिंदू की रिपोर्ट की माने तो भारत में विमान बनाने से आयात में अरबों की बचत हो सकती है. अब सवाल यह है की क्या यह विमान सेफ होगा इसको लेकर HAL का दावा है कि सभी विमान DGCA और ICAO नॉर्म्स के तहत सर्टिफाइड होंगे. इसका मतलब है की इस विमान को तभी सेवा में लाया जाएगा जब इसके बढ़िया से परिक्षण हो जाएगा यानी की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.