दोस्तों देश में प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा एग्जाम का इंतजाम किया जाता है. इस एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के लिए लाखों लोग इस कठिन एग्जाम में सामिल होते हैं. इसके अलावा इस एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम और लगन के साथ प्रयत्न करते हैं.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी की कहानी बता रहे है. जो की ये तक नही जानती थी की आईएएस और आईपीएस का मतलब क्या होता है. किन्तु अपने नाना जी की कही बातो पर ध्यान देकर हासिल की सफलता बनी आईएएस. आइये जानते है आईएएस अधिकारी अपराजिता शर्मा की यूपीएससी यात्रा के बारे में …
जानकारी के अनुसार आपको बता दे की आईएएस अपराजिता शर्मा मूल रूप से बनारस की निवासी है. बात करे इनकी पढाई लिखाई की तो अपराजिता बचपन से ही पढाई लिखाई को लेकर काफी होसियार रही है इन्होने अपनी सुरुआती पढाई बनारस से पूर्ण की है.
अपनी सुरुआती पढाई बनारस से पूर्ण करने के प्रश्चात अपराजिता ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करने के लिए राँची चली गई वह जाकर उन्होंने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अपना नामाकन करवाई. वही आपको बता दे की अपराजिता के पिता भी एक आईएएस अधिकारी थे और उनकी माँ प्रोफेसर थी.
स्नातक के पढाई के प्रश्चात अपराजिता एक बड़ी कंपनी में जॉब करने लगी किन्तु वह अपने कंपनी में अकेली महिला थी वही दफ्तर में हुए कई घटनाओं के प्रश्चात अपराजिता ने सिविल सेवा एग्जाम की तैयारी के बारे में सोची और तैयारी शुरु कर दी. अपराजिता ने वर्ष 2017 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में सामिल हुई और उन्होंने पुरे देश में 40 वी रैंक प्राप्त की. और आईएएस अधिकारी बन गई.