दोस्तों जैसा की आपलोग जानते ही होंगे. की देश का सबसे कठिन परीक्षा UPSC का आयोजन हर एक वर्ष भारत देश के द्वारा किया जाता है. और कठिन परीक्षा में कैंडिडेट्स हजारों लाखो की शंख्या में सामिल होते है. किन्तु सफलता कुछ कैंडिडेट्स ही हासिल कर पाते है.
आज के इस खबर में हम आपको आईएएस सिमी करण की सफलता के बारे में बता रहे है. आईएएस सिमी करण की कहानी ऐसा प्रेरणादायक है जो बताता है की संघर्ष और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. वे एक ही वर्ष में दो महत्वपूर्ण परीक्षा एक आईआईटी और दूसरा यूपीएससी में सफल हुई.
आईएएस सिमी मुंबई में झुग्गी-झोपड़ियों में पढ़ने वाली सिमी ने अपने जीवन के बड़े संघर्ष को बेहद होशियारी से पार किया. वे ओडिशा की रहने वाली थीं जहां उनके पिता एक साधारण कामगार थे. उनकी माता शिक्षिका थीं. जिन्होंने सिमी को शिक्षा के महत्व को समझाया.
बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो सिमी ने अपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान मुंबई के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का काम किया. इस अनूठे अनुभव से प्रेरित होकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की.
वही आपको बता दे कि उन्होंने सीमित समय में सभी विषयों की पढ़ाई की और समय प्रबंधन करने के लिए समर्पित रहीं. वर्ष 2019 में जब उनकी आईआईटी की परीक्षा समाप्त हो गई तो उन्होंने तुरंत ही यूपीएससी की परीक्षा दी. और 31वीं रैंक हासिल की