दोस्तों सिविल सेवा (UPSC) की एग्जाम में सफलता हासिल करने के लिए बढ़िया अंको के साथ-साथ एक धीरता भी होना चाहिए. यह एग्जाम न केवल आपके समझदारी के स्तर को जांचती है बल्कि आपके समझदारी का भी परीक्षा लेती है.
इसीलिए इस एग्जाम में पास सिर्फ वही छात्र हो पाते है. जिनमें यह दोनों गुण होती है. कुछ इसी तरह की गुण थी. आईएएस परी बिश्नोई में भी जिन्होंने सिविल सेवा की एग्जाम में असफल होने के बाद भी नहीं मानी हार और तीसरी प्रयत्नों में सफलता हासिल कर बनी आईएएस.
आईएएस परी कहती है कि उनके इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके माता पिता का रहा है. जानकारी के अनुसार परी के पिता पेशे से एक वकील है. साथ ही उनकी मां इंस्पेक्टर हैं. परी को बचपन से ही उनके माता पिता ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किये. और सदैव उनका साथ दिया.
बता दे कि जब परी अपने पहले दो प्रयत्नों में असफल हुई थी. उस समय उनकी माता पिता ने उनका साहस बढ़ाया और कभी ना हिम्मत हारने की जज्बा भी दिए. जिसके चलते आईएएस परी ने अपने तीसरे प्रयत्न में सिविल सेवा की एग्जाम में सफलता हासिल की.
वही आपको बता दे कि परी ने 12th का एग्जाम में सफलता हासिल करने के प्रश्चात आईएएस बनने का खाव्ब देख ली थी. जिसके लिए उन्होंने स्नातक के प्रश्चात ही सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी. तैयारी के साथ साथ परी अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रखी. और मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त की.
परी कहती है कि करंट अफेयर्स के साथ साथ वह अपने नोट्स भी तैयार करती थी. उनके अनुसार सिविल सेवा में सफलता हासिल करने के लिए प्रत्येक दिन थोड़ा पढाई करना जरूरी है. जिससे रिवीजन के लिए बहुत वक्त मिलता है. इसके प्रश्चात आईएएस परी के मुताबिक सभी छात्र को अपनी आंसर राइटिंग का भी उपयोग करते रहना चाहिए.