दोस्तों देश के लाखों लोगों का सपना होता है कि वह सिविल सेवा की परीक्षा पास कर आईएएस आईपीएस बने. जिसके लिए लाखो लोग हर एक वर्ष सिविल सेवा की परीक्षा में भाग लेते है. किन्तु आपको बता दे कि इस कठिन परीक्षा में कुछ गिने चुने तेज लोग ही सफलता हासिल कर पाते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है. जो कभी कबाड़ी वाला बनना चाहते थे. फिर किये सिविल सेवा की तैयारी और हासिल किए सफलता बने आईएएस आइये जानते है आईएएस दीपक रावत की यूपीएससी यात्रा के बारे में….
जानकारी के अनुसार बता दे कि आईएएस दीपक रावत मूल रूप से उत्तराखंड के मसूरी के रहने वाले है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो इन्होने अपनी प्रारंभिक पढाई मसूरी के सेंट जॉर्ज्स कॉलेज से पूरा किये है. इसके प्रश्चात दीपक ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से हिस्ट्री में (BA) की पढाई पूर्ण किये है.
बीए की पढाई पूर्ण करने के प्रश्चात दीपक ने जेएनयू से हिस्ट्री में (MA) एवं एन्शियंट हिस्ट्री में एमफिल की डिग्री प्राप्त किये है. साथ ही आपको बता दे कि दिल्ली में कॉलेज की पढ़ाई के समय से ही दीपक ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दिए थे.
वही आपको बता दे कि दीपक सिविल सेवा परीक्षा में लगातार दो बार असफल हुए थे. दो बार असफल होने के प्रश्चात भी दीपक बिना हार माने तीसरी बार सिविल सेवा एग्जाम एम् सामिल होते है और तीसरी बार में सफलता हासिल करते है. किन्तु बता दे कि सफलता मिलने के प्रश्चात भी उन्हें आईएएस के लिए चयनित नही किया गया.
उनको आईआरएस पद के लिए चयनित किया गया था. आईआरएस का पद मिलने के प्रश्चात भी उन्होंने अपना कोशिस जरी रखा और चौथी बार सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुए और चौथी बार में उन्होंने पुरे देश में 12वीं रैंक प्राप्त किये और आईएएस बन गए ऐसा कर उन्होंने अपने सपने को चौथी प्रयास में पूर्ण कर लिए.