दोस्तों सफलता एक ऐसा दरवाजा है जो सिर्फ मेहनत के झटके से ही खोला जा सकता है. कोई कितना भी जोर लगा ले. किन्तु इस द्वार को खोलने के लिए कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं बना है. वैसे ही आप जितनी कठिन परिश्रम करेंगे उतनी ही तेज यह दरवाजा आपके लिए खुल जाएगा.
कुछ ऐसे ही कहानी है आईएएस दीपक रावत की. जो कभी कबाड़ी वाला बनना चाहते थे. किन्तु अपने मेहनत और हिम्मत के बदौलत आज बन गए मशहूर आईएएस अफसर. आइये जानते है आईएएस दीपक रावत की यूपीएससी यात्रा के बारे में ….
जानकारी के मुताबिक आईएएस दीपक रावत उत्तराखंड के निवासी है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो दीपक बचपन से पढाई में नाज़ुक थे. उन्होंने अपनी प्रारभिक शिक्षा मसूरी से पूर्ण किये थे. इसके प्रश्चात दिल्ली के हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढाई पूरा किये.
वही आपको बता दे कि दीपक अपनी ग्रेजुएशन की पढाई के समय से ही सिविल सेवा की तैयारी आरम्भ कर दिए थे. साथ ही जब दीपक पहली बार सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुए तो पहले ही प्रयास में उनको असफलता हाथ लगी.
पहली प्रयास में असफलता मिलने के प्रश्चात दीपक बिना हार माने दूसरी बार सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुए किन्तु दूसरी बार भी उन्हें असफलता ही हाथ आई. दूसरी बार में भी असफलता मिलने के प्रश्चात दीपक बिना हिम्मत हारे तीसरी बार सिविल सेवा परीक्षा में सामिल हुए और अपने तीसरी प्रयास में सफलता हासिल कर दीपक आईएएस बने. और अपने लक्ष्य को पूरा किये.