दोस्तों जैसा की अपलोगो को मालूम ही होगा की सिविल सेवा (UPSC) की परीक्षा को देश का सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है. इस कठिन परीक्षा में स्टूडेंट लाखो की भीड़ में सामिल होते है और सफलता हासिल करते है. लेकिन कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते है जो बहुत मेहनत के प्रश्चात भी इस एग्जाम में असफल हो जाते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर की कहानी बताने जा रहे है. जिन्होंने MBBS की पढाई छोड़ शुरु की (UPSC) की तैयारी और 4 महीने की सेल्फ स्टडी के बदौलत सफलता हासिल की. आइये जानते है इनके यूपीएससी की यात्रा के बारे में…
जनकारी के मुताबिक बता दे की आईएएस तरुणी पांडेय मूल रूप से पश्चिम बंगाल के चितरंजन की निवासी है. इनके पिता का नाम डॉ अरुण कुमार पांडे है. और इनकी माँ का नाम नीता त्रिपाठी है. आईएएस तरुणी पांडेय बचपन से ही पढाई लिखाई में काफी तेज रही है.
बता दे की इन्होने अपनी सुरुआती पढाई झारखंड के जमताड़ा से पूरा की है. साथ ही बता दे की तरुणी पांडेय का बचपन से ही सपना था. की वो डॉक्टर बनेगी जिसके लिए उन्होंने तैयारी शुरु कर दी थी. किन्तु तबियत बिगरने के कारन उन्होंने अपने सपना को दुसरे वर्ष ही छोड़ दी थी.
किन्तु सब कुछ सही होने के प्रश्चात सरकारी ऑफिस में काम काज की प्रणाली देखने के प्रश्चात तरुणी (MBBS) की तैयारी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी. वही बता दे की तरुनी वर्ष 2020 में प्रथम बार सिविल सेवा एग्जाम देने की तैयारी की. किन्तु एग्जाम से 4 रोज पहले ही तरुनी कोविड संक्रमित हो गईं. वही वर्ष 2021 में तरुनी सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुई और पुरे देश में 14वीं रैंक के साथ अपना सपना पूरा कर ली.