दोस्तों जैसा की आपलोग जानते ही होंगे. की देश का सबसे कठिन परीक्षा सिविल सेवा की परीक्षा को माना गया है. और इस कठिन परीक्षा में लाखो विद्यार्थी भाग लेते है और सफलता हासिल करते है. वही आपको बता दे कि बहुत कम विद्यार्थी ही इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते है.
आज हम IAS उम्मुल खेर की सफलता की कहानी सुनाने जा रहे हैं. उन्होंने कठिन परिस्थितियों से लड़ते हुए आईएएस बनने तक का सफर तय किया. उनकी मां की मृत्यु के बाद उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी जिससे उम्मुल को आगे की पढ़ाई करने में कठिनाई हुई.
जानकारी के अनुसार बता दे कि राजस्थान के पाली में रहने वाली उम्मुल दिव्यांग थीं. और उनके परिवार उनकी शिक्षा पूरी करने की चिंता में था लेकिन उम्मुल ने सिविल सेवा की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनकर अपने परिवार को गर्वित किया.
उम्मुल खेर एक आर्थिक रूप से पिछड़े मारवाड़ी परिवार से हैं. और उन्हें बोन फ्रैजाइल डिसऑर्डर की समस्या है. उन्होंने अपने जीवन में 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी का सामना किया है. उम्मुल के परिवार में माता-पिता और तीन भाई-बहन हैं. जो एक स्लम में रहते थे. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी.
लेकिन उन्होंने अपने परिवार को सहारा दिया. और आईएएस अधिकारी बनकर मिसाल स्थापित की. उम्मुल को अपने जीवन में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सबका दिल जीता. उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी की और पहले प्रयास में CSE 2016 परीक्षा में 420वीं रैंक हासिल की. और आईएएस बन गई.