दोस्तों सिविल सेवा एग्जाम की तैयारी हर वर्ष लाखों विद्यार्थी करते है. लेकिन बहुत कम विद्यार्थी ही इस एग्जाम में सफल हो पाते है. और कुछ विद्यार्थी ऐसे भी होते है. जो कठिन परिश्रम के साथ एक ही प्रयास में सफलता हासिल कर लेते है.
आज के इस खबर में हम आपलोगों को एक ऐसे आईएएस अफसर की कहानी बता रहे है जिनके पिता के मृत्यु के बाद उनकी माँ उनको अनाथ आश्रम छोड़ गयी थी. बहुत ठोकर और मेहनत करने के बाद अब्दुल हासिल किये सफलता. और बने आईएएस अफसर आइये जानते है इनकी UPSC की यात्रा के बारे में…
जानकारी के मुताबिक बता दे की आईएएस अफसर अब्दुल नसर केरल के कन्नूर के थलासेरी के रहने वाले है. बता दे की अब्दुल महज 5 साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गया था. इसके प्रश्चात उनकी माँ उनको और उनके भाई और बहन को अनाथालय छोड़ गई थी.
जिसके प्रश्चात अब्दुल करीब 13 वर्ष अनाथालय में रहे और उन्होंने वही से अपनी सुरुआती पढाई भी पूरा किये. वही कुछ सालो के बाद उनकी माँ की भी मृत्यु हो गयी. वही आपको बता दे अब्दुल जब 16 साल की उम्र में थे. तब से ही उन्होंने कैशियर, न्यूजपेपर डिस्ट्रीब्यूटर, एसटीडी बूथ ऑपरेटर और ट्यूशन टीचर जैसे अनेकों काम कर के बैठ गए थे.
वही अब्दुल को केरल के स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी के जगह पर पहली जॉब मिली थी किन्तु अब्दुल उस जॉब से संतुस्ट नही थे. वही वर्ष 2006 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में सामिल हुए और उन्हें सफलता मिल गयी. जिसके बाद उनको डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित किया गया था.