दोस्तों सिविल सेवा (UPSC) की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. और इस कठिन परीक्षा में प्रत्येक वर्ष लाखों कैंडिडेट्स शामिल होते है. जिसमें से कुछ ही कैंडिडेट्स कड़ी मेहनत और लगन से मेहनत कर सफलता हासिल करते है.
आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है. जिन्होंने बिना कोचिंग किये ही हासिल की सिविल सेवा परीक्षा में 58वीं रैंक और बनी आईएएस अफसर आइये जानते है. आईएएस दीक्षिता जोशी की यूपीएससी यात्रा के बारे में….
जनकारी के मुताबिक आईएएस दीक्षिता जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के हल्द्वानी ज़िले की निवासी है. इनके पिता का नाम आईके पांडे है जो कि वो नैनीताल के हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट के तौर पर अपनी सेवा दे रहे है. वही इनकी माँ का नाम दीपा जोशी है. यह भी इंटर कॉलेज में हिंदी की लेक्चर हैं.
वही बता करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज दीक्षिता अपनी 10th औए 12th की पढाई हल्द्वानी के आर्यमान विक्रम बिरला स्कूल से पूरा की है. इसके प्रश्चात उन्होंने स्नातक की पढाई के लिए जीबी पंत विश्वविद्यालय में नामाकन करवाई. और फिर आईआईटी मंडी से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरा की है.
साथ ही आपको बता दे कि दीक्षिता अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरा करने के बाद ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरम्भ कर दी. वही आपको बता दे कि दीक्षिता सिविल सेवा परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में बिना कोई कोचिंग किये ही पुरे देश में 58 वी रैंक हासिल की और आईएएस बन गई.