दोस्तों भारत देश द्वारा प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा एग्जाम का आयोजन किया जाता है. और इस एग्जाम में हर साल लाखो उम्मीदवार अपनी पूरी मेहनत के साथ इस कठिन एग्जाम में सामिल होते है. किन्तु बहुत कम उम्मीदवार ही इस कठिन एग्जाम में सफलता हासिल कर पाते है. वही कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होते है. जो पूरी मेहनत और लगन से तैयारी कर एक ही प्रयास में सफलता हासिल कर लेते है.

आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है. जिन्होंने एक महिला के ताने पर बदल दी अपनी राह, डॉक्टरी छोड़ की सिविल सेवा (UPSC) की परीक्षा की तैयारी और बनी आईएएस अफसर आइये जानते है आईएएस प्रियंका शुक्ला(IAS Priyanka Shukla) की यूपीएससी यात्रा के बारे में….

IAS Priyanka Shukla

जानकारी के मुताबिक बता दे की आईएएस प्रियंका शुक्ला( IAS Priyanka Shukla) भिंड के छोटे से गांव मेहगांव की निवासी है. प्रियंका का बचपन से ही सपना था की वो बड़ा होकर डॉक्टर बनेगी. और उन्होंने ऐसा ही किया कठिन परिश्रम कर (MBBS) की डिग्री प्राप्त की. किन्तु उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी और आईएएस अफसर बन गयी.

वही एमबीबीएस का एंट्रेंस एग्जाम पास करने के प्रश्चात प्रियंका ने लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अपना नामाकन करवाई. और वर्ष 2006 में (MBBS) की डिग्री प्राप्त कर डॉक्टर बन गई. डॉक्टर बन कर प्रियंका शुक्ला अपने जीवन में बहुत खुस थी.

IAS Priyanka Shukla

परन्तु उनके जीवन में कुछ और ही लिखा था. प्रियंका एक बार चेकअप के लिए स्लम गाँव गयी. जहा पर उन्होंने देखा की एक महिला अपने बच्चो को गन्दा पानी पिला रही और खुद भी पि रही है. यह सब देख प्रियंका उस महिला को गन्दे पानी पिने से मना कर रही थी.

IAS Priyanka Shukla
IAS Priyanka Shukla

तो उस महिला ने उनसे कहा की तुम कोई कलेक्टर हो क्या. महिला की बात सुन प्रियंका दंग रह गई. और उसी समय प्रियंका ने सोच ली की उनको आईएएस बनना है. और उन्होंने तैयारी शुरु कर दी. वही आपको बता दे की प्रियंका अपनी पहली प्रयास में असफल हो गयी थी. किन्तु उन्होंने बिना हार माने दूसरी बार सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुई और दूसरी ही बार में उन्होंने सफलता हासिल कर लिया.

Madhav, a seasoned journalist with three years of extensive experience in news writing, editing, and reporting, is currently making his mark at newsfatafat.com. His journey in journalism, characterized...