दोस्तों (UPSC) की परीक्षा को देश का सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओ में से एक माना गया है. इस परीक्षा में स्टूडेंट पूरी मेहनत और लगन से तैयारी कर सामिल होते है. और सफलता हासिल करते है. किन्तु कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते है जो कड़ी मेहनत के बाबजूद भी इस एग्जाम को क्लियर नही कर पाते है.

आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बताने जा रहे है. जिनके पढ़ाई के खिलाफ हो गया था. पूरा परिवार फिर भी नही मानी हार और की (UPSC) की तैयारी और मिली सफलता बनीं आईएएस अधिकारी. आइये जानते है इनके यूपीएससी की यात्रा के बारे में…

आईएएस वंदना सिंह चौहान मूल रूप से हरियाणा के नसरुल्लागढ़ की निवासी है. इनका जन्म 4 अप्रैल 1989 को नसरुल्लागढ़ में हुआ था. पढाई लिखाई में तेज वंदना हिन्दी मीडियम से पढ़कर सीएसई 2012 परीक्षा में 8 वीं रैंक प्राप्त की थी.

IAS Vandana Singh Chauhan
IAS Vandana Singh Chauhan

आईएएस वंदना सिंह चौहान के पिता का नाम महिपाल सिंह चौहान है. उन्होंने बताया की उनके गांव में कोई अच्छा विद्यालय नहीं था. जिसके कारण उन्होंने अपने बेटे को पढाई लिखाई के लिए बहार भेज दिया. किन्तु वंदना के बारे में नहीं सोचा फिर एक रोज वंदना ने अपना पिता से कही की वह लड़की हैं इसीलिए उनके पिता उन्हें बाहर नहीं भेज रहे हैं.

यह बात सुनकर वंदना के पिता ने उनको मुरादाबाद के एक गुरुकुल स्कूल में उनका नामाकन करवा दिया. वही बता दे की जब यह बात उनके परिवार में पता चला तो सभी लोग वंदना के पिता के खिलाफ हो गए थे. किन्तु विरोध के बाद भी वंदना ने अपना पढाई जरी रखा. 12th के प्रश्चात वंदना लॉ की पढाई के साथ घर पे ही संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा की तैयारी आरम्भ कर दी.

बता दे की वंदना प्रतिदिन 12 से 14 घंटे पढ़ाई करती थीं. साथ ही बता दे की वर्ष 2012 में वंदना सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुई और पुरे देश में 8 वीं रैंक प्राप्त की और 24 वर्ष की उम्र में अपना सपना पूरा कर ली.

Madhav, a seasoned journalist with three years of extensive experience in news writing, editing, and reporting, is currently making his mark at newsfatafat.com. His journey in journalism, characterized...