Site icon NEWSF

मिलिए आईएएस हिमांशु गुप्ता से जिन्होंने अपने पिता के साथ ठेले पर बेचीं चाय, फिर किये UPSC की तैयारी, बिना कोचिंग किये ही हासिल किये सफलता बने आईएएस.

IAS Himanshu Gupta

दोस्तों हर एक वर्ष भारत देश द्वारा सविल सेवा (UPSC) की परीक्षा का आयोजन किया जाता है. और इस कठिन परीक्षा में विद्यार्थी हर एक वर्ष लाखो की शंख्या में सामिल होकर सफलता हासिल करते है. वही इस कठिन परीक्षा में कुछ तेज विद्यार्थी ही सफलता हासिल कर पाते है.

आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है. जिन्होंने अपने पिता के साथ ठेले पर बेचीं चाय. फिर किये सिविल सेवा (UPSC) की तैयारी. और बिना कोचिंग किये ही हासिल किये सफलता. बने आईएएस आइये जानते है आईएएस हिमांशु गुप्ता (IAS Himanshu Gupta) की यूपीएससी यात्रा के बारे में…

IAS Himanshu Gupta

जानकारी के मुताबिक बता दे कि आईएएस हिमांशु गुप्ता (IAS Himanshu Gupta) मूल रूप से उत्तराखंड के सितारगंज के निवासी है. इनके पिता का नाम संतोष गुप्ता है. जो की एक वो मजदुर थे. वही उनकी माँ का नाम चंचल गुप्ता है. जो की वो एक गृहणी है. फ़िलहाल हिमांशु का परिवार उत्तर प्रदेश के बरेली शहर के सिरौली गाँव में रहता है.

वही बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो इन्होने अपनी 10th तक की पढाई हिन्दी माध्यम से पूर्ण किये. इसके प्रश्चात 12th की पढाई अंग्रेजी माध्यम से पूर्ण किये. इसके प्रश्चात ही हिमांशु (IAS Himanshu Gupta) आगे की पढाई करने दिल्ली आ गए. दिल्ली से उन्होंने (BSc) और (MSc) की पढाई पूर्ण किये. इसके प्रश्चात ग्वालियर से जीवाजी विवि से एमफिल की पढाई पूर्ण किये.

IAS Himanshu Gupta

साथ ही आपको बता दे कि दिल्ली वि​श्वविद्यालय टॉप करने के प्रश्चात हिमांशु (IAS Himanshu Gupta) को विदेश में PHD करने के लिए स्कॉलरशिप मिला था. स्कॉलरशिप लेकर पीएचडी करने की बजाय हिमांशु सिविल सेवा की तैयारियों में लग गए थे.

वही आपको बता दे कि हिमांशु जब सिविल सेवा एग्जाम में पहली बार सामिल हुए तो उन्हें सफलता नही मिली थी. फिर भी उन्होंने बिना हार माने दूसरी बार सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुए किन्तु दूसरी बार में भी उनको सफलता नही मिली. किन्तु उन्होंने फिर भी बिना हिम्मत हारे. तीसरी बार सिविल सेवा एग्जाम में सामिल हुए. और तीसरी में उन्होंने पुरे देश में 302 रैंक हासिल कर आईएएस बन गए.  

Exit mobile version