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मिलिए आईएएस अनुपमा सिंह से जिन्होंने ढ़ाई साल के बच्चे को छोड़कर की UPSC की तैयारी, और ऐसे हासिल की पहले प्रयास में सफलता बनी आईएएस.  

IAS Anupama Singh

IAS Anupama Singh

दोस्तों जैसा की आपलोग जानते ही होंगे. की देश का सबसे कठिन एग्जाम सिविल सेवा की एग्जाम को माना गया है. साथ ही कोई भी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए स्टूडेंट को ताबरतोड़ मेहनत करनी पड़ती है. चाहे वो कॉलेज का एग्जाम हो या फिर देश का. जब तक आप पूरी मेहनत नही करते तब तक आपको सफलता नही मिलती.

आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस महिला की कहानी बता रहे है जिन्होंने सिविल सेवा की तैयारी के लिए अपने ढाई साल के बच्चे से दूर रही थी फिर एक ही प्रयास में सिविल सेवा एग्जाम में सफलता हासिल कर ली और आईएएस बन गई. आइये जानते है आईएएस अनुपमा सिंह की यूपीएससी यात्रा के बारे में ….

IAS Anupama Singh

जानकारी के मुताबिक बता दे कि आईएएस अनुपमा सिंह (IAS Anupama Singh) मूल रूप से बिहार के पटना की निवासी है. साथ ही इन्होने अपनी प्रारंभिक पढाई माउंट कार्मेल हाई-स्कूल पटना से ही पूरा की है. वही 12th की पढाई पूर्ण करने के प्रश्चात वर्ष 2011 में पटना के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की प्रवेश एग्जाम दी. जिसमे उनको सफलता मिली.

 पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के प्रश्चात अनुपमा आगे की पढाई जारी रखी. और एमएस की सबसे ज्यादा कठिन मानी जाने वाली प्रवेश एग्जाम में सफलता हासिल करके बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ सर्जरी की डिग्री हासिल की. और सरकारी हॉस्पिटल में एसआरशिप करने लगीं.

IAS Anupama Singh

हॉस्पिटल में एसआरशिप करने के प्रश्चात उनकी शादी भी हो गया और उन्होंने एक नन्हे से बच्चे को जन्म भी दिया. हालांकि उस समय भी उनका मेडिकल का काम चल ही रहा था. वही आपको बता दे कि अनुपमा सरकारी हॉस्पिटल में ग्राउंड लेवल पर बहुत सारी समस्याएं देखी.

जिसके प्रश्चात उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी के बारे में सोची. साथ ही आपको बता दे कि सिविल सेवा की तैयारी के लिए उन्होंने अपने बच्चे और परिवार को छोड़ दिल्ली शहर जाने की ठानी. दिल्ली जाकर उन्होंने दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग में अपना नामाकन करवाई. और पूरी मेहनत के साथ सिविल सेवा की तैयारी की.

IAS Anupama Singh

वही आपको बता दे कि वर्ष 2019 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में अनुपमा (IAS Anupama Singh) पहली बार सामिल हुई और उन्होंने अपने पहली ही प्रयास में पुरे देश में 90वी रैंक प्राप्त की और आईएएस बन गई. और इस तरह इन्होने अपने सपने को पूरा कर लिया.

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